क्या आप Musafir Shayari In Hindi ढूंढ रहे हैं? हम सब ही अपनी अपनी ज़िन्दगी के मुसाफिर हैं, जन्म लेते हे हमारा सफर शुरू हो जाता हैं और मृत्यु के साथ ही सफर समाप्त होता हैं। जीवन भी एक यात्रा हे हैं और हम सब उसके यात्रीऔर किसी ने क्या खूब कहा हैं कि मज़ा तो सफर का होता हैं मंज़िल का नहीं।
इस लिए आज के इस आर्टिकल में हम कुछ बोहोत ही अच्छी Musafir Shayari In Hindi, मुसाफिर शायरी 2 लाइन, Musafir Quotes In Hindi, अजनबी मुसाफिर शायरी, Musafir Status In Hindi शेयर कर रहे हैं।
Musafir Shayari In Hindi
जिंदगी को यादगार बनाते चलिए,
इसलिए सफर पर जरूर चलिए।
खुद को पाना है,
तो सफर जरूर कर मुसाफिर।
मुसाफिर बनके मुझे
तेरे दिल में घूमना है..
बहाल करके खुशियां सारी
तुझे हमेशा खुश देखना है….!
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जो दुनिया नहीं घूमें, तो क्या घूमा,
जो दुनिया नहीं देखी, तो क्या देखा।
बंदिशें कभी ना आरजू को सुलाती..
मुसाफिर को मंजिल खुद है बुलाती….!
जिंदगी की इस भाग दौड़ में सच मैं
एक मुसाफिर सा बनकर रह गया हूँ।
जब भी सफर करो, दिल से करो,
सफर से खूबसूरत यादें नहीं होतीं।
तुम मेरी कश्ती के मुसाफिर नहीं
तुम्हें जाना कहीं और है मैं तन्हा हू
एस सफर में मुझे मंजिल की तलाश है…!
होश वालों से हमारा कोई वास्ता नहीं
हम तो मुसाफिर है उस राह के
जहाँ होश नहीं रहता चलते चलते…!
Musafir Quotes In Hindi
यात्रा एक गुरु की तरह है,
जो जीवन के सबसे नए अध्याय सिखाती है।
अकेला ही चला था सफर में कोई साथी
मिल गया,रास्ते का पता भी ना चला और
सफर यूं ही बीत गया।
मोहब्बत ने इस मोड़ पर ला कर खड़ा
कर दिया है की आगे बड़े तो सब खफा
और पीछे हेट तो बेवफा।
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घूमते रहने से बढ़ता है अनुभव,
यात्रा करने से संवरता है जीवन।
मंजिल पाने की तलाश में घर से निकल तो गया पर
अभी तक पता नहीं हैं की सफर और कितना तय करना हैं।
अब बस इधर से उधर दर बदर भटकता रहता हूँ ,
क्या कहे मंजिल को पाने वाले मुसाफिर जो ठहरे।
जीवन और सफर दोनों ही बहुत कुछ सिखाते हैं,
ढेरों यादें बनाते हैं, कई नई कहानियां लिख जाते हैं।
जिंदगी के इस सफर में मै इतना आगे निकल आया हूँ,
मै अपने सभी जख्मो को दफना आया हूँ।
क्यूँ चलते चलते रुक गए वीरान रास्तो,
तन्हा हूँ आज मैं ज़रा घर तक तो साथ दो।
अजनबी मुसाफिर शायरी
जिंदा हो, तो यात्राएं किया करो,
एक ही जगह तो बेजान पड़े रहते हैं।
वो दुख नसीब हुए ख़ुद-कफ़ील होने में,
कि उम्र कट गई ख़ुद की दलील होने में।
माना की हमारी मंजिल है अलग रास्ते तो एक है,
भले ही तुम्हें इश्क हो किसी और से लाख अहसास तो एक है।
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मंजिल की ओर आगे बढ़ना..
मुसाफिर तेरा काम है चलना..!!
सफर मेरा है तो चलना बी मुजे ही मिलेगा,
इश्क मेरा है तो बोलना बी मुजे ही मिलेगा।
हार गया तो भी कोई गम नहीं,
तू मेरे संग हैं ये भी किसी जीत से कम नहीं ।
दूर होकर भी तुझसे ही तो जुड़ा हूं..
मुसाफिर हूं, तेरे शहर से चल पड़ा हूं….!
भरी महफिल में पूछा गया ईश्क क्या है,
लोग किताबों में ढूंदने लगे और हमारी नजर तुम पर जा टिकी।
कही दुःख है, कही सुख है,
ये मुसाफिर सी ज़िंदगी में,
कभी गम है, कभी खुशी है…!
Musafir Status In Hindi
अपने दिल में बात कोई रखता नहीं..
यारों मुसाफिर हूं, इसलिए रुकता नहीं..!!
युही चले जाना है जिंदगी के सफर से,
ना कुछ ले जाना है, ना कुछ साथ आएगा।
आये हो दुनिया में, तो हसकर जी लो,
क्या तेरा – मेरा करना इस उलझी हुई जिंदगी में…
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इंसानियत से इंसान की मदद कर देना..
मुसाफिर को चंद पलों का आसरा देना..!!
ज़िंदगी के रास्ते पर चलना आसान नही है,
कभी कभी कंटको पर से भी गुजरना पड़ता है…
मुसाफ़िर हु यारो…
बस चलते जाना है…
किसी को घर से निकलते ही
मिल गई मंजिल कोई हमारी
तरह उम्र भर सफ़र में आया!!
अपने दिल पर कोई बोझ नहीं रखता..
मुसाफिर किसी का बुरा नहीं करता..!!
मुसाफिर सी है जिंदगी,
रास्ता जैसा चुनोगे,
वैसा मुक़ाम हांसिल होगा…
मंज़िल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही सही
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकला ही नहीं !!
चलते चलते ज़िंदगी में, ऐसे खो जाएंगे,
जैसे ओझल हो जाते है मुसाफ़िर रास्तों पर…
मुसाफिर जिंदगी का…
मुसाफिर शायरी 2 लाइन
मुझे तो बस सफ़र से इश्क़ है
मंज़िलें तो मुसाफ़िरों की होती है…!
चलता रहूँगा मै पथ पर, चलने में माहिर बन जाउंगा,
या तो मंज़िल मिल जायेगी, या मुसाफिर बन जाउंगा !
ज़रा रहने दो अपने दर पे हम ख़ाना-ब-दोशों को
मुसाफ़िर जिस जगह आराम पाते हैं ठहरते हैं…!
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दिल तो बेशक मैंने तुम्हारे हवाले किया
था पर तुमने इसे तोड़कर हमें दर्द दे दिया…!
मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी..!
हौसले बुलंद रखो मंज़िल मिल ही जाएगी
काँटों पर चलने वालों को
फूलों की राह मिलेगी !!
कुछ टूटे फटे सीने को साथ अपने सफ़र में
क्या वो भी मुसाफ़िर जो न रक्खे सुई तागा..!
मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी…!
है कोई जो बताए शब के मुसाफ़िरों को
कितना सफ़र हुआ है कितना सफ़र रहा है..!
दिन में परियों की कोई कहानी न सुन
जंगलों में मुसाफ़िर भटक जाएँगे..!
Musafir Ke Liye Shayari
घर से सफर के लिए अकेले निकले जरूर थे,
पर आगे का सफर हम तुम्हारे साथ ही तय करेंगे।
ऐ अदम के मुसाफ़िरों होशियार
राह में ज़िंदगी खड़ी होगी..!
सिर्फ़ इक क़दम उठा था ग़लत
राह-ए-शौक़ में
मंज़िल तमाम उम्र मुझे ढूँढती रही !!
कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की ..!
मुसाफिरों में एक बात आम होती है,
उनके कंधो पे घर की जिम्मेदारी जरूर होती है।
गुजर जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूँ ही मुसाफ़िरों की तरह,
यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं, रुके रास्तों की तरह
तू कभी इस शहर से हो कर गुज़र
रास्तों के जाल में उलझा हूँ मैं..!
तुम मेरी कश्ती के मुसाफिर नहीं तुम्हें जाना कहीं और है
मैं तन्हा हू एस सफर में मुझे मंजिल की तलाश है..!
अनजानी राहो का
सफर मुश्किल लगता है
राही जमाने के रंगो
से बेखबर लगता है..!
एक मंज़िल है मगर राह कई हैं
सोचना ये है कि जाओगे
किधर से पहले !!
मुसाफिर को रास्ते के
पत्थर स्वयं ही हटाने होगे
खुद ही अपनी मंजिल की
तरफ कदम बढ़ाने होगे..!
भटका हुआ मुसाफिर शायरी
किसी मंजिल को पा लेना महत्वपूर्ण नहीं है,
बल्कि महत्वपूर्ण वो है जो खुशी हमे सफर में महसूस होती है।
ऐ मंजिल तुझे हासिल करके रहूंगा
अभी मैं चल रहा हूं पर ठहरा नही हूं..!
सफर बहुत लंबी होगी
रास्ते से मंजिल की दूरी होगी
मंजिल पर पहुंचेगा वही जिसकी
हर हाल में चलने की ज़िद होगी..!
कोन कहेता है आसान है जिंदगी का सफर,
कुछ लोग यहाँ जीने भी नही देते सुकून से..!
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा !!
एक ना एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंज़िल
ठोकरे ज़हर तो नहीं जो खा कर मर जाऊंगा !!
अगर निगाहे हो मंज़िल पर और कदम हो राहो पर
ऐसी कोई राह नही जो मंज़िल तक ना जाती हो !!