क्या आप भी Pyar Me Majburi Shayari In Hindi शायरी ढूंढ रहे हैं? सबकी ज़िन्दगी में कुछ न कुछ मजबूरी होती हैं पर इंसान जब परयर में मजबूर होता हैं तो वो अंदर से टूट जाता हैं और अपनी ये बात किसी से कह भी नहीं पाता हैं। और कभी कभी लोग किसी की मजबूरी का फायदा भी उठाते हैं।
इस लिए आज के इस आर्टिकल में हम कुछ Pyar Me Majburi Shayari In Hindi, प्यार में मजबूर स्टेटस इन हिंदी, Pyar Me Majboori Shayari, प्यार में मजबूर शायरी शेयर कर रहे हैं।
Pyar Me Majburi Shayari In Hindi
किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ दोस्तों !
जिन्दगी कभी मौका देती है।
तो कभी धोखा भी देती है!
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
जरूरी नहीं की वो बेवफा होता है,
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है!
होगी कोई मजबूरी उसकी भी,
जो बिन बताएं चला गया,
वापस भी आया तो किसी
और का होकर आया!
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किसी की मजबूरी कोई समझता नहीं !
दिल टूटे तो दर्द होता है, मगर कोई कहता नहीं !
उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है,
उनसे नहीं कहे पाना हमारी मजबूरी है,
ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को
क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है…!!
ये न समझ के मैं भूल गया हूँ तुझे
तेरी खुशबू मेरी सांसो में आज भी है
मजबूरी ने निभाने न दी मोहब्बत
सच्चाई तो मेरी वफ़ा में आज भी है..!!
ऐसा नही है की वक्त ने मौका नहीं दिया,
हम आगे बढ़ सकते थे,
पर तूने मजबूर किया!
क्या थी मजबूरी तेरी जो रस्ते बदल
लिए तूने हर राज कह देने वाले
क्यों इतनी सी बात छुपा ली तूने…!!
वह मान न सके गुजारिश हमारी
मजबूरी हमारी वह जान न सके
कहते हे याद रखेंगे मरते दम तक
जीते जी पहचान न सके।
प्यार में मजबूर शायरी
कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो,
वरना मजबूरी का नाम लेकर बेवफाई
तो सभी करते है…!!
जब बदलने की
आदत होती है किसी की
फिर मजबूरियां रखनी
होती है भूलने की..!
मजबूरियों के नाम है जिंदगी
कही सुबह तो कही शाम है जिंदगी
आप मुझे मजबूर ना करो इश्क करने को
कही छुप कर दो कही सरेआम है जिंदगी.!!
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तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कने भी कहती हैं,
अपनी मजबूरी का एक पैगाम तो भेज देते।
कभी गम तो कभी ख़ुशी देखी
हमने अक्सर मजबूरी और बेबसी देखी
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें
हमने तो खुद अपनी तकदीर
की बेबसी देखी !!
मजबूरी में जब जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं के वो बेवफा होता है,
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है…!!
ऐसी भी क्या मजबूरी आ गई जनाब की
आपने हमारी चाहत का कर्ज़ा धोका दे
कर चुकाया।
ये न समझ के मैं भूल गया हूँ तुझे,
तेरी खुशबू मेरी सांसो में आज भी है,
मजबूरी ने निभाने न दी मोहब्बत ,
सच्चाई तो मेरी वफ़ा में आज भी है…!!
क्या थी मजबूरी तेरी,
जो रस्ते बदल लिए तूने,
हर राज कह देने वाले,
क्यों इतनी सी बात छुपा ली तूने..!!
Pyar Me Majboori Shayari
ए जिंदगी बहुत मजबूर थे हम
क्या करे नशे में चूर थे हम..!
वो मजबूरियों से घिरा है,
वो मजबूर बहुत है,
वो डरता नहीं मोहब्बत से
इसलिए मशहूर बहुत है…!
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
हमारी मजबूरी से कही टूट न जाना,
तुम्हारी मोहब्बत ही हमारी जिन्दगी है,
इस प्यारे से रिश्ते को भूल न जाना…!!
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अकेला कहां है कोई
इंसान इस जहान में
मजबूरियां और जरूरते
साथ लिए फिरता है..!
थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ
मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ..!
वक्त नूर को बेनूर कर देता हैं,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपने से दूर होना,
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता हैं… !!
उसकी बेवफाई के
चर्चे सारे शहर मे थे
उसकी मजबूरी उसके
भीतर ही दफन हो गई..!
रिश्तों को निभाने की मजबूरी पुरानी है,
जिंदगी तो जैसे समझौतों की कहानी है,
दुनिया के अंदर तो धोखे का समंदर है,
यहाँ करते है वफ़ा, मिलती बदनामी है।
खामोशी समझदारी भी है
और मजबूरी भी,
कहीं नज़दीकियां बढ़ाती है
और कहीं दूरी भी…!!
Pyar Majburi Shayari In Hindi
अपना बनाकर फिर कुछ दिनों में बेगाना बना दिया,
भर गया दिल हमसे और मजबूरी का बहाना बना दिया…!
किसी ये बेबसी और मजबूरी हे
कुदरत के आगे
बेगुनाह होकर भी देखो कैसे
सब अपने ही घरमे कैद हे।
वो कहते हे बहोत मजबूरिया हे
साफ लफ्जो में खुद को
बेवफा नहीं कहता।
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मैं बोलता हूँ तो इल्ज़ाम है बग़ावत का
मैं चुप रहूँ तो बड़ी बेबसी सी होती है..!!
किस्मत ने मजबूर कर दिया
माफ़ करना मेरे दोस्त
दोस्ती आपसे की और आपसे ही
दूर कर दिया।
तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मज़बूरी हैं
तो रहने दे इश्क कौन सा जरुरी हैं….!!
वफ़ा से नाज आये चलो हम भी
मोहब्बत कोई मजबूरी
नहीं हे।
उन के सितम भी कह नहीं सकते किसी से हम
घुट घुट के मर रहे हैं अजब बेबसी से हम..!!
जब कोई आपसे मजबूरी में जुदा होता है,
जरूरी नही वो इंसान वेबफा होता है,
जब कोई देता आपको जुदाई के आँसू,
तन्हाइयों में वो आपसे ज्यादा रोता है…!!
मेरे दिल की मजबूरी को कोई इल्जाम न दे,
मुझे याद रख बेशक मेरा नाम न ले,
तेरा वहम है कि मैंने भुला दिया तुझे,
मेरी एक भी साँस ऐसी नहीं जो तेरा नाम न ले…
मेरी मजबूरी शायरी
ज़ालिम था वो और ज़ुल्म की आदत भी बहुत थी
मजबूर थे हम उस से मोहब्बत भी बहुत थी..!!
मजबूरियों ने मुझे बेवस बना दिया
एक ख्वाब था जो अधूरा रह गया
ऊंचा उड़ने की ख्वाहिश तो मुझमें भी थी
पर मजबूरियों ने मुझे बांध कर रख दिया।
हासिल करने को तो सारा जहां बाकी है
लेकिन कुछ मजबूरियों ने रोक कर रखा है
उड़ते हुए परिन्दों के
पंखों को काट कर रखा है।
कह तो सकता हूँ मगर मजबूर कर सकता नहीं
इख़्तियार अपनी जगह है बेबसी अपनी जगह..!!
मजबूरियों का मारा था
जिंदगी से हारा था
किसी को कुछ ना कह सके
क्यो की अपनों ने ही खंजर मारा था।
साजिसों के हम भी शिकार हो गए
औरों के सामने मजबूर हो गए
उठाया फ़ायदा मेरे हालातों का सबने
देखते ही देखते अपने पराए हो गए।
बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे
कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ…!!
तुझसे बेइंतहा प्यार करता हूं
इसी लिए जान मैं मजबूर हूं
अगर प्यार ना होता तो
वक्त गुजार कर निकल जाते।
तुझसे दूर रहकर मोहब्बत बढ़ती जा रही है
केसे कहूँ ये दुरी तुझे और करीब ला रही है…!!
कुछ मजबूरियां थी जो तुझ से दूर होना पड़ा
जो किया था वादा वो तोड़ना पड़ा
तेरे साथ जिंदगी भर साथ रहना था मुझे
लेकिन तुझे किसी और का होते हुए मजबूरियों में देखना पड़ा।
Pyar Me Majburi Love Status
फिर यूँ हुआ कि जब भी जरुरत पड़ी
मुझेहर शख्स इत्तेफाक से मजबूर हो गया… !
उसने मेरे प्यार को ठुकराने की वजह
उसकी मजबूरी बता दिया
और मेरे सच्चे प्यार को
शुरू होने से पहले ही दफना दिया।
वो मजबूर किसी बात से थे
जो प्यार का रिश्ता निभा ना सके
उस पर क्या इल्ज़ाम लगाये
जो वफ़ादार था…!
हम मजबूरी में काम करते रह
हर वक्तजब लौट के आये
कोई था ही नहीं हमारा।
मजबूर हैं हम दोनों
जो एक दूसरे के हो ना सके
करते थे प्यार बेइंतहा एक दूसरे से
लेकिन कुछ मजबूरियां थी जो साथ रह ना सके।
हर प्यार में एक एहसास होता है,
हर काम का एक अंदाज होता है,
जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर,
हर किसी को अपनी पसंद पे नाज़ होता है..!!
दुश्मनों की कहां अब जरूरत है
काफी है अपने ही दर्द देने के लिए ..!
तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कने
भी कहती हैं,
अपनी मजबूरी का एक
पैगाम तो भेज देते।
बेवजह नहीं होती है खामोशियों
क्योंकि कुछ दर्द ऐसे होते है
जो आवाज छीन लेते है मुंह से..!!
दिल म बहुत गम है लेकिन फिर भी हंसता हूं
और दिल आज भी रो पड़ता है तेरी याद में …!!
इश्क़ में मजबूर शायरी
कुछ इस तरह मजबूर तुम भी हो जाओंगे
की हीर की मोहब्बत में रांझा था
जिस तरह।
ख़त्म कर ए जिंदगी
इन सांसों का आना जाना थक गया हूं
खुद को जिंदा समझ ते समझते …!!
दम तोड़ जाती है हर शिकायत
लबों पे आकर जब मासूमियत से
वो कहती है मैंने क्या किया है…!!
बहुत से हादसों से लड़ा हूं में
वक़्त से पहले में बहुत बड़ा हूं अपनी उम्र से…!!
थक जाता हु अनकहे शब्दों के बोझ से
पता नहीं चुप रहना समझदारी हे
या मजबूरी।
क्या थी मजबूरी तेरी जो रस्ते बदल
लिए तूने हर राज कह देने वाले
क्यों इतनी सी बात छुपा ली तूने…!!
वो छोड़ के गए हमें,न जाने उनकी
क्या मजबूरी थी,खुदा ने कहा इसमें
उनका कोई कसूर नहीं,ये कहानी
तो मैंने लिखी ही अधूरी थी…!!