क्या आप Imam Hussain Shayari In Hindi 2 Line ढूंढ रहे हैं? इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के पैगम्बर हज़रात मोहम्मद के नवासे थे। इस लिए इस्लाम धर्म में इमाम हुसैन को बोहोत माना जाना है और लोग उनके विचारों को सोंच का बोहोत सम्मान करते हैं। इमाम हुसैन इन्साफ के तरफ़दार थे और इंसानियत को मानते थे।
इस लिए आज के इस आर्टिकल में हम कुछ Imam Hussain Shayari In Hindi, इमाम हुसैन शायरी हिंदी, Imam Hussain Quotes In Hindi, Karbala Shayari in Hindi शेयर कर रहे हैं ताकि आप इमाम हुसैन के विचारों को दूसरों के साथ शेयर कर सकें।
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Imam Hussain Shayari In Hindi 2 Line
कत्ल-ए-हुसैन असल में मार्ग-ए-यजीद है
इस्लाम ज़िंदा होता है हर करबला के बाद…!
कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज है,
उस नवासे पर मुहम्मद को नाज है,
यूँ तो लाखों सिर झुके सजदे में लेकिन
हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज है।
फिर आज हक़ के लिए जान फिदा करे कोई,
वफ़ा भी झूम उठे यूँ वफ़ा करे कोई,
नमाज़ 1400 सालों से इंतजार में है,
हुसैन की तरह मुझे अदा करे कोई।
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कर्बला की शहादत इस्लाम बना गयी, खून तो बहा था
लेकिन कुर्बानी हौसलों की उड़ान दिखा गयी।
पानी का तलब हो तो एक काम किया कर,
कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर,
दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत,
जालिम हो मुकाबिल तो मेरा नाम लिया कर।
क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने,
सजदे में जा कर सर कटाया हुसैन ने,
नेजे पे सिर था और जुबां पर अय्यातें,
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने।
सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्थ वाला,
तू धीरे गूजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है।
क्या हक अदा करेगा ज़माना हुसैन का
ब तक ज़मीन पर कर्ज़ है सजदा हुसैन का
झोली फैलाकर मांग लो मुमीनो
हर दुआ कबूल करेगा दिल हुसैन का..!
दिल से निकली दुआ है हमारी,
मिले आपको दुनिया में खुशियां सारी,
गम ना दे आपको खुदा कभी,
चाहे तो एक खुशी कम कर दे हमारी…!
Imam Hussain Quotes In Hindi
ना जाने क्यों मेरी आँखों में आ गए आँसू,
सिखा रहा था मैं बच्चे को कर्बला लिखना।
जन्नत की आरज़ू में कहां जा रहे हैं लोग
जन्नत तो करबला में खरीदी हुसैन ने
दुनिया-ओ-आखरात में जो रहना हो चैन से
जीना अली से सीखो मरना हुसैन से..!
नज़र गम है नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है
बगैर उनके नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है
नबी कहते थे अकसर के अकसर ज़िक्र-ए-हैदर से
मेरे कुछ जान निसारों को बड़ी तकलीफ होती है…!
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हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है,
ये आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है।
सजदा से करबला को बंदगी मिल गई
सबर से उम्मत को ज़िंदगी मिल गई
एक चमन फातिमा का गुज़रा
मगर सारे इस्लाम को ज़िंदगी मिल गई.!!
कर्बला की कहानी में कत्लेआम था लेकिन हौसलों के आगे हर कोई गुलाम था,
खुदा के बन्दे ने शहीद की कुर्बानी दी इसलिए उसका नाम पैगाम बना।
करबला में वादा अपना निभाने वाला हुसैन हैं
हक़ की खातीर सर कटाने वाला हुसैन हैं..
ऐसी नमाज़ कौन पढ़ेगा जहाँ
सज़दा किया तो सर ना उठाया हुसैन ने
सब कुछ खुदा की राह में कुर्बान कर दिया
असगर सा फूल भी ना बचाया हुसैन ने!!
सिर गैर के आगे ना झुकाने वाला
और नेजे पे भी कुरान सुनाने वाला
इस्लाम से क्या पूछते हो कौन हुसैन
हुसैन है इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला..!
इमाम हुसैन शायरी हिंदी
वो कैसे हो सकते हैं गुमराह ज़माने में
जिन्हें जहाँ में रास्ता बताने वाला हुसैन हैं..
न हिला पाया वो रब की मैहर को
भले जीत गया वो कायर जंग
पर जो मौला के दर पर बैखोफ शहीद हुआ
वही था असली और सच्चा पैगम्बर..!!
गुरूर टूट गया कोई मर्तबा ना मिला
सितम के बाद भी कुछ हासिल जफा ना मिला
सिर-ऐ-हुसैन मिला है यजीद को लेकिन
शिकस्त यह है की फिर भी झुका हुआ ना मिला..!!
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मुझे क्या फ़िक्र, हुसैन जन्नत का इमाम होगा
दम-ए-आखिर लबों पर हुसैन का नाम होगा..!!
जन्नत की आरजू में कहा जा रहे है लोग
जन्नत तो कर्बला में खरीदी हुसैन ने
दुनिया-ओ-आखरत में रहना हो चैन सूकून से
तो जीना अली से सीखे और मरना हुसैन से..!
पानी का तलब हो तो एक काम किया कर
कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर
दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत
जालिम हो मुकाबिल तो मेरा नाम लिया कर..!
थामे रहो तुम युँही दामन मेरे हुसैन का
देखना एक रोज़ वक्त भी तुम्हारा गुलाम होगा..!
वो जिसने अपने नाना का वादा वफा कर दिया
घर का घर सुपुर्द-ए-खुदा कर दिया
नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम
उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम…!
खून से चराग-ए-दीन जलाया हुसैन ने
रस्म-ए-वफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने
खुद को तो एक बूँद न मिल सका लेकिन
करबला को खून पिलाया हुसैन ने..!
Imam Hussain Shayari Allama Iqbal
हक़ का परचम, वजूद-ए-हुसैन से बुलंद हैं
बातील के आगे सर झुकाना उसे नापसंद हैं..!
एक दिन बड़े गुरुर से कहने लगी जमीन
है मेरे नसीब में परचम हुसैन का
फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख
होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का..!
यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का
कुछ देख के हुआ था ज़माना हुसैन का
सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ले
महंगा पड़ा यज़ीद को सौदा हुसैन का..!
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खून से अपने सींचा हैं सच्चाई का दरख़्त
ज़माना आज तक हुसैन का अहसानमंद हैं..!
ज़ालीम बादशाहों को हुसैनी ख़ातीर में लाते नहीं
हालात की आंधीयों से गुलामे हुसैन घबराते नहीं
अपने लहू से सींचा है मेरे हुसैन ने इस चमन को
ये बाग़-ए-हुसैन है इसके फुल कभी मुरझाते नहीं..!!
करबला की ख़ाक…..आज तलक खून रोती है
बिन बाबा के बड़ी मुश्किल से सकीना सोती है
सर कटा तो सकते है मगर झुका नहीं सकते वो
जिन के लहू में शामील…. हुसैनीयत होती है..!!
करबला की वादीयों में कुछ रोज़ क़याम हो
आँखों में अश्क और लबों पर सलाम हो..
क्या हक अदा करेगा ज़माना हुसैन का
अब तक ज़मीन पर कर्ज़ है सजदा हुसैन का
झोली फैलाकर मांग लो मुमीनो
हर दुआ कबूल करेगा दिल हुसैन का..!
नज़र गम है नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है
बगैर उनके नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है
नबी कहते थे अकसर के अकसर ज़िक्र-ए-हैदर से
मेरे कुछ जान निसारों को बड़ी तकलीफ होती है!!
Imam Hussain Shayari 2 Line
वहाँ खड़े हो कर पढू मैं कभी फ़ातीहा
हुसैन के कदमों में ये ज़िन्दगी तमाम हो..!
जालिम का नाम मिट गया तारीख़ से मगर,
वो याद रह गए जिन्हें पानी नहीं मिला…
दुनिया करेगी जिक्र हमेशा हुसैन का,
इस्लाम जिन्दा कर गया सजदा हुसैन का..!!
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वक्त के बादशाह को खातीर में लाते नहीं
हुसैन के गुलाम हालात से कभी घबराते नहीं..!!
किस कदर रोया मैं सुन के दास्ताने कर्बला,
मैं तो हिन्दू ही रहा आँखे हुसैनी हो गयी..!!
साल तो पहले भी कई साल बदले,
दुआ है इस साल उम्मत का हाल बदले।
गुमनामी के अंधेरों में गुम हैं यज़ीद आज
परचम हक़ का हुसैन ने ऊँचा कर दिया..!!
ख़ुदा का जिस पर रहमत हो वो हुसैन होता है,
जो इन्साफ और सत्य के लड़ जाए वो हुसैन होता है…!
कर्बला की शहादत इस्लाम बना गयी,
खून तो बहा था लेकिन कुर्बानी हौसलों की उड़ान दिखा गयी।
Karbala Shayari in Hindi
करबला में हक़ बंदगी का अदा कर दिया
सर कटा कर वादा अपना वफ़ा कर दिया..
खुशियों का सफ़र तो गम से शुरू होता है,
हमारा तो नया साल मुहर्रम से शुरू होता है..!!
लफ़्जों में क्या लिखूं मैं शहादत हुसैन की,
कलम भी रो देता है कर्बला का मंजर सोचकर।
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हुसैन की शान में कोई ऐसा कलाम हो जाए
मेरा शामील उन के गुलामों में नाम हो जाए..
ज़िक्र-ए-हुसैन आया तो आँखें छलक पड़ी,
पानी को कितना प्यार है अब भी हुसैन से..!!
दिल थाम के सोचा लिखूं शान-ए-हुसैन में,
कलम चीख उठी कहा बस अब रोने दो..!!
दुशमनों को गले से लगाना सिखाया हुसैन ने
रास्ता ज़माने को हक़ का बताया हुसैन ने..!
सल्तनत ए यजीदी मिट गई दुनियां से
दिलों में हैं लोगों के बादशाहत ए हुसैन..!!
सुन लो यज़ीदीयों, तड़पा नही हुसैन मेरा, पानी के लिए
दरिया ज़रूर महरूम था, लब-ए हुसैन को छूने के लिए।
इमाम हुसैन शायरी २ लाइन
चूमता फिरूँ वादी-ए-करबला के ज़र्रों को
हुसैन के पहलू में ज़िन्दगी की शाम हो जाए..!
फलक पर शोक का बादल अजीब आया है,
कि जैसे माह मुहर्रम नजदीक आया है…!
सम्प्रदाय के कारण अब मेरा वध करना अनिवार्य है
मैं शिया न होकर दुखी हूं..!
सजदे में सर, गले पे खंजर और तीन दिन की प्यास
ऐसी नमाज़ फिर ना हुई……. कर्बला के बाद..!!
कर दिया माफ़ कातीलों को अपने बाप के
सबक़ इंसानियत का ऐसा पढ़ाया हुसैन ने..!
ना जाने क्यों मेरी आँखों में आ गए आँसू,
सिखा रहा था मैं बच्चे को कर्बला लिखना।
ना पूछ वक़्त की इन बेजुबान किताबों से,
सुनो जब अज़ान तो समझो के हुसैन जिंदा है।
दोनों जहाँ का वली नाना हुसैन
सदियां हुसैन के जमाने हुसैन की हैं…!!
सार (Conclusion)
इस आर्टिकल में हमने कुछ बोहोत ही अच्छी Imam Hussain Shayari In Hindi और इमाम हुसैन शायरी २ लाइन शेयर किये हैं ताकि आप इमाम हुसैन के विचारों को अपने चाहने वालों के साथ शेयर कर सकें। और यदि आपको हमारा कंटेंट अच्छा लगा हो तो कमेंट सेक्शन में हमको बताना न भूलें।